SIM Card Verify New Rule: नए नियमों के अनुसार, अब सिम कार्ड डीलरों की वेरिफिकेशन प्रक्रिया टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा की जाएगी और इन नियमों का उल्लंघन करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
केंद्र सरकार ने साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। अब से, सिम कार्ड डीलरों को पुलिस सत्यापन और बायोमेट्रिक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की और उन्होंने बताया कि अब ‘कनेक्शन’ की व्यावसायिक बेचाई बंद कर दी गई है। इससे साइबर फ्रॉड में कमी आने की उम्मीद है।
52 लाख कनेक्शन किए बंद और 67,000 डीलरों को किया ब्लैकलिस्ट
इसके साथ ही, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने संचार साथी पोर्टल के लॉन्च होने के बाद 52 लाख मोबाइल कनेक्शन बंद किए और 67,000 डीलरों को ब्लैकलिस्ट में डाला गया है। इसके साथ ही इस साल में सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज किए गए हैं।
नए नियम हुए लागू
इन नए नियमों के अनुसार, सिम कार्ड डीलरों को पुलिस द्वारा सत्यापित करना होगा और उन्हें बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी करना होगा। यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लिया जा सकता है।
केवाईसी रिफॉर्म के तहत, अब सिम कार्ड को खरीदने या बदलने के लिए प्रिंटेड आधार के क्यूआर कोड को स्कैन करके ग्राहक का डेमोग्राफिक डेटा कलेक्शन किया जाएगा। इससे पहले केवाईसी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में ऐसा कुछ नहीं था।
बल्क में नहीं खरीद सकेंगें सिम
सिम कार्ड के बल्क इश्यू की प्रक्रिया अब बंद हो गई है और इसके स्थान पर व्यावसायिक कनेक्शन कॉन्सेप्ट आया है जिसके तहत ही अब व्यावसायिक प्रयाग के लिए कनेक्शन जारी किय जाएंगें । अब सिम कार्ड डीलरों को न केवाईसी वेरिफिकेशन करना होगा और न ही बल्क एक साथ बल्क में अधिक नंबर जारी करने की अनुमति मिलेगी।
इस्तेमाल न करने पर 90 दिन बाद हो जायेगा डीएक्टिवेट
कनेक्शन कटने के 90 दिन बाद, नए ग्राहकों को मोबाइल नंबर अलॉट कर दिया जाएगा। लेकिन रिप्लेसमेंट के मामले में, ग्राहक को आउटगोइंग और इनकमिंग एसएमएस सुविधाओं पर 24 घंटे की रोक के साथ केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। साथ ही, संचार साथी पोर्टल के जरिए लोग खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक कर सकते हैं और उन्हें ब्लॉक करने का भी विकल्प होगा।