Uttrakhand Inter Caste Marriage Yojana: आज 21वीं सदी है समय बहुत बदल गया मगर आज भी हमारे देश कई राज्य ऐसे हैं जहां जातिवाद और उच्च-नीच की समस्याएं ज्यो की त्यों बनी हैं, जैसे की पुराने समय में होती थी। केंद्र और राज्य सरकारें समाज में सामाजिक समानता, एकता और बंधुत्व को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठा रही हैं और चाहती है की ये उच्च-नीच और जातिवाद जैसी भावनाओं को लोगो के बिच से मिटाया जा सके और समाज में समानता लायी जाए।
इसी दिशा में, उत्तराखंड सरकार ने भी कदम उठाया है और जातिवाद जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए ‘उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार नव विवाहित जोड़े को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, ताकि वे शादी के बाद आने वाले खर्चों को संभाल सकें और अपने जीवन को बिना किसी समस्या के आगे बढ़ा सकें।
इस योजना के माध्यम से, राज्य सरकार नव विवाहित जोड़े को आर्थिक सहायता प्रदान करके अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से ‘Uttrakhand Inter Caste Marriage Yojana’ के बारे में आपको पूरी जानकारी प्रदान करेंगे। अगर आप इस योजना के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो आपको इस आर्टिकल को ध्यान से अंत तक जरुर पढ़ें।
Uttrakhand Inter Caste Marriage Yojana Kya Hai? (in Hindi)
उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना (एक नजर में) | |
---|---|
योजना | Uttarakhand Inter Caste Marriage Scheme |
योजना लाभ स्तर | राज्य स्तरीय |
राज्य | उत्तराखंड |
योजना विभाग | समाज कल्याण विभाग उत्तराखंड सरकार |
लाभार्थी वर्ग | उत्तराखंड राज्य के अंतर्जातीय विवाह करने वाले युवा/युवती |
उद्देश्य | अंतर्जातीय विवाह के प्रोत्साहन के जरिये जातिवाद और उच्च-नीच के भेदभाव को खत्म करना। |
दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि | 2.5 लाख रुपए |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑफलाइन |
ऑफिसियल वेबसाइट | https://socialwelfare.uk.gov.in/ |
Inter Caste Marriage Scheme Kya Hai? (in Hindi) | उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना, उत्तराखंड सरकार की ओर से चलाई जा रही एक सरकारी योजना है, जसिके तहत अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपत्ति को सरकार की तरफ से 2.5 लाख पए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है |
उत्तराखंड सरकार ने अंतर्जातीय विवाह योजना की शुरुआत की है। योजना की शर्त के अनुसार, जब एक सामान्य जाति का युवक या युवती एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के युवक या युवती से विवाह करते हैं, तो उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार द्वारा नवविवाहित जोड़े को 2.5 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इससे राज्य के अन्य लोगों को जातिवाद और उच्च-नीच जैसी कुप्रथा को खत्म करने और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजा जाता है, ताकि इस सहायता राशि से नवदंपति अपने लिए नए घर, फर्नीचर, या अन्य घर की सामान खरीद सकें।
अभी तक, उत्तराखंड में 500 से अधिक नवविवाहित जोड़ों को प्रोत्साहन राशि मिल चुकी है। समाज कल्याण विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा Uttarakhand Inter Caste Marriage Scheme का संचालन किया जा रहा है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उम्मीदवार को ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन करना होगा।
उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना का उदेश्य (Objective)
राज्य सरकार द्वारा की शुरु की गयी उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के जरिये जातिवाद, उच्च नीच के भेदभाव को खत्म करना है। इस योजना से राज्य में अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया जायेगा जिससे समाज में जाति और उच्च-नीच के भेदभाव जैसी समस्याओं को खत्म करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, इस योजना के माध्यम से राज्य के नागरिकों में अधिक जागरूकता फैलाने का काम किया जा सकता है, ताकि उन्हें जातिवाद और भेदभाव से जुदा होकर आधुनिकता की ओर बढ़ने का मौका मिले। इससे राज्य का विकास भी होगा और राज्य में एकता और शांति की स्थापना हो सकेगी।
उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना के फायदे और विशेषताएं (Uttarakhand Inter Caste Marriage Scheme Benefits & Key Features)
- यह योजना उत्तराखंड राज्य में अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है।
- योजना के माध्यम से राज्य के उन नागरिकों को लाभ मिलेगा जो अंतरजातीय विवाह करेंगें।
- अंतरजातीय विवाह करने वाले युवक/युवतियों को सरकार की ओर से 2.5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता राशि दी जाएगी।
- सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि को डीबीट के माध्यम से सीधा दंपति के जॉइंट अकाउंट में भेजा जाएगा।
- सरकार की तरफ से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का उपयोग नवविवाहित जोड़े अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर सकेंगे।
- सरकार इंटरकास्ट मैरिज करने वाले युवाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगी व उन्हें नौकरी में वरीयता भी दी जाएगी।
- उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की शादी हिंदू मैरिज एक्ट 1995 के तहत रजिस्टर होनी चाहिए।
- यह योजना उत्तराखंड में जातिवाद के भेदभाव को समाप्त करने में मदद करेगी और समाज में पिछड़ा वर्ग के लोगों को समानता का अधिकार दिलाएगी।
- योजना के माध्यम से सोसायटी में अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित किया जाएगा और युवाओं को अपनी पसंद की शादी करने के लिए सहयोग प्रदान किया जाएगा।
- योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य के तहत 500 से अधिक नवविवाहित जोड़ों की शादी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना के लिए पात्रता शर्तें एवं जरुरी दस्तावेज़ की सूची (Eligibility Criteria & Required Documents List)
उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रताएं होनी चाहिए:
- आवेदक युवा/युवती दोनों को उत्तराखण्ड राज्य के मूल निवासी होना चाहिए।
- युवक और युवती दोनों में से एक सामान्य जाति का और दूसरा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का होना चाहिए।
- युवती की उम्र 18 साल से ज्यादा और युवक की उम्र 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
- युवक और युवती दोनों की ने कभी पहले शादी न की हो, उनकी ये पहली शादी होनी चाहिए।
- विवाह के एक वर्ष के अंतराल में ही इस योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है।
इन पात्रताओं के साथ, आवेदक इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
आवेदन के लिए जरुरी दस्तावेज़ (Required Documents)
- आधार कार्ड (पति-पत्नी दोनों का)
- वोटर आईडी कार्ड (पति-पत्नी दोनों का)
- जाति प्रमाण पत्र (पति-पत्नी दोनों का)
- आय प्रमाण पत्र
- मूल-निवास प्रमाण पत्र
- विवाह प्रमाण पत्र
- दंपति का जॉइंट बैंक खाता का विवरण
- दंपति की जॉइंट रंगीन पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना के लिए आवेदन कैसे करें? (How to apply for UK Inter Caste Marriage Scheme)
उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:
1. सबसे पहले, उत्तराखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
2. वेबसाइट के होम पेज पर, “आवेदन पत्र” या “फॉर्म्स” सेक्शन की खोज करें और अंतरजातीय/अंतर धार्मिक विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के आवेदन पत्र का चयन करें।
3. आवेदन पत्र को डाउनलोड करें और इसका प्रिंट आउट लें।
4. आवेदन पत्र में मांगी गई सभी आवश्यक जानकारी जैसे पति का नाम, पत्नी का नाम, विवाह से पूर्व का पता, राष्ट्रीयता, विवाह का विवरण, बैंक शाखा का नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि भरें।
5. आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां और प्रमाण पत्र जैसे कि जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, आदि को संलग्न करें।
6. अब आवेदन पत्र और सभी दस्तावेजों को नजदीकी समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में जमा करें।
इस तरह से, आप उत्तराखंड अंतरजातीय विवाह योजना के तहत ऑफलाइन आवेदन सफलतापूर्वक कर सकते हैं और अंतरजातीय विवाह के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकते हैं।