अगर प्रॉपर्टी के असली कागज खो जाएं तो क्या करें? क्या डुप्लिकेट पेपर बन सकते हैं अगर हाँ तो कैसे और कहाँ बनेंगे?

अगर आपके घर-जमीन के कागज खो जाएं तो उनको हड़पने से बचाने के लिए आपको कुछ जरुरी स्टेप्स लेने की जरुरत होती है और वो जरुरी स्टेप्स क्या है जो आपको ऐसी स्थिति में लेने चाहिए, आज हम इस लेख में जानेगें की अगर आपके प्रॉपर्टी की असली कागज़ात गुम हो जाते हैं तो आपको क्या करना चाहिए और आप और डुप्लिकेट पेपर कैसे बनवा सकते हैं?

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पेपर यह साबित करने का माध्यम होते हैं कि विशिष्ट प्रॉपर्टी आपकी है। कागज गलती से खो जाएं या गलत हाथों में पड़ जाएं, तो आपके साथ धोखाधड़ी भी हो सकती है। इसलिए, जैसे ही कागज खोने का पता चले, बिना किसी लापरवाही के, तुरंत आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

What to do if property documents are lost

प्रॉपर्टी के दस्तावेज (Property registry document) यह साबित करने का साधन होते हैं कि विशिष्ट प्रॉपर्टी आपकी है। यदि किसी कारणवश प्रॉपर्टी के दस्तावेज गुम हो जाएं या गलत हाथों में चले जाएं, तो आपके साथ संपत्ति धोखाधड़ी भी हो सकती है। इसलिए, जैसे ही आपको यह पता चले कि दस्तावेज गुम हो गए हैं, बिना किसी लापरवाही के, तुरंत महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए।

अगर आपके प्रॉपर्टी के दस्तावेज गुम हो गए हैं, तो आपको सबसे पहले दो काम करने होंगे।

पहला – दस्तावेज की ढंग से खोजें। इसके लिए आप पुलिस से मदद ले सकते हैं और अखबार में विज्ञापन भी दे सकते हैं। यदि फिर भी दस्तावेज नहीं मिलते हैं, तो आपको डुप्लिकेट दस्तावेज जारी कराने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा। आइए, हम इस पूरी प्रक्रिया को समझते हैं:

अखबार में इश्तिहार दें 

प्रॉपर्टी के कागज खोने के मामले में, अखबार में विज्ञापन देना भी बेहद महत्वपूर्ण होता है। आपको कम से कम दो अखबारों में विज्ञापन देना चाहिए – एक इंग्लिश और एक स्थानीय भाषा के अखबार में। विज्ञापन में लिखना होगा कि किसी विशिष्ट प्रॉपर्टी के कागज खो गए हैं और वह प्रॉपर्टी आपके नाम पर है। यदि किसी को ऐसे कागज मिलते हैं, तो उन्हें मेरे पते पर वापस कर दें। या अगर किसी को वह प्रॉपर्टी दावा करना चाहता है, तो विज्ञापन प्रकाशन के पांच दिनों के भीतर दावा प्रस्तुत कर सकता है। 15 दिनों के बाद, आप रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में डुप्लिकेट सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

डॉक्यूमेंट गुम होने की FIR दर्ज करवाएं 

यदि आपके पास प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के असली कागज गुम गए हैं, तो सबसे पहले, आपको अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाना चाहिए। पुलिस दस्तावेज़ की खोज करने का प्रयास करेगी।

यदि निर्धारित समय के अंदर प्रॉपर्टी के कागज नहीं मिलते, तो पुलिस एक ‘नॉन-ट्रेसेबल सर्टिफिकेट’ जारी करेगी, जिसमें लिखा होता है कि पुलिस ने कागज खोजने का प्रयास किया, लेकिन डॉक्यूमेंट नहीं मिला। FIR की एक प्रति को अपने पास रखें और दूसरी प्रति को स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा करें। इसके बाद, सब-रजिस्ट्रार को बताएं कि आपकी प्रॉपर्टी के असली कागज खो गए हैं और आपने FIR दर्ज करवाई है।

स्टाम्प पेपर पर अंडरटेकिंग

डुप्लिकेट पेपर के लिए, स्टाम्प पेपर पर नोटरी से प्रमाणित प्रॉपर्टी अंडरटेकिंग की आवश्यकता होगी। इस अंडरटेकिंग में प्रॉपर्टी की विवरण, गुम हुए कागज की जानकारी, FIR के विवरण, और अखबार में प्रकाशित किए गए विज्ञापन का सभी विवरण होना चाहिए। नोटरी द्वारा साइन करने वाला अधिकारी इसे प्रमाणित करके दिखाता है कि कागजों में दी गई जानकारी सही है।

जब अंडरटेकिंग तैयार हो जाए, तो आपको इसे तुरंत रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज करवा लेना चाहिए। आपकी प्रॉपर्टी जिस रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत है, वही कार्यालय अंडरटेकिंग को स्वीकार करेगा।

प्रॉपर्टी के डुप्लिकेट प्रॉपर्टी पेपर कैसे बनेगें?

अंडरटेकिंग जमा करने के बाद, आप रजिस्ट्रार कार्यालय में डुप्लिकेट पेपर के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको FIR की कॉपी, अखबार में प्रकाशित नोटिस, और नोटरी से प्रमाणित अंडरटेकिंग की फोटोकॉपी जमा करनी होगी।

इस काम के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में आपको कुछ फीस भी देना पड़ सकता है। सब-रजिस्ट्रार कार्यालय आपके दस्तावेजों की समीक्षा करेगा। जब दस्तावेजों कीअप्रूवल हो जाती है, तो आपका आवेदन मंजूर किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, 15 से 20 दिनों के भीतर आपको प्रॉपर्टी के डुप्लिकेट पेपर मिल जाएंगे।

अगर बैंक आपकी प्रॉपटी के पेपर खो देता है तब?

यदि आपके प्रॉपर्टी के पेपर बैंक की तरफ से गलती से खो गए हैं, तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार की स्थिति में प्रॉपर्टी के पेपर दोबारा प्राप्त करने की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होती है।

बैंक न केवल कागज फिर से प्राप्त करवाने में मदद करेगा, बल्कि इस काम के लिए आवश्यक होने वाले लेन-देन को भी बैंक ही निवारण करेगा। इस संदर्भ में, RBI एक पैनल के सुझाव को लागू करने का विचार कर रहा है, जिसके अनुसार अगर बैंकों द्वारा ग्राहकों के प्रॉपर्टी के पेपर खो दिए जाते हैं तो उन्हें ग्राहकों को मुआवजा देना होगा।



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