UPI New Features: यूनिफाइड पेमेंट्स सिस्टम (UPI) अपनी डिजिटल भुगतान प्रणाली को सुधार रहा है। जिसमें कन्वर्सेशनल भुगतान मोड के लिए एक नवीनतम आर्टिफीसियल इंटेलिजेंट के कांसेप्ट से जोडने का विचार किया जा रहा है। यूजर इसके बाद से चैट के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे। UPI लाइट के ऑफ़लाइन लेनदेन की सीमा 200 रुपये से 500 रुपये करने का प्रस्ताव है।
UPI Latest Features: नवीनतम विशेषताएं
यूनिफाइड पेमेंट्स सिस्टम (UPI) अपनी डिजिटल भुगतान प्रणाली को सुधार रहा है। जिसमें कन्वर्सेशनल भुगतान मोड के लिए एक नवीनतम कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विचार शामिल है। यूजर इसके बाद चैट के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे।
नए सुधारों में UPI लाइट की सीमा बढ़ा दी गई है और ऑफ़लाइन UPI पेमेंट को बेहतर बनाया गया है। इसके अलावा, UPI तीन नए सुधार लाने जा रहा है। जो इसी पोस्ट में नीचे दिए गए है। इन सभी सुधार को कर RBI यूपीआई पेमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाना चाहती है।
अब आप चैट से भुगतान कर सकते हैं:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने UPI पेमेंट में AI का उपयोग बताया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यूपीआई भुगतान के लिए AI से कन्वर्सेशनल भुगतान की सुविधा शुरू की जाएगी।
यह पेमेंट सिस्टम के माध्यम से कन्वर्सेशनल चैट या मैसेजिंग संचार के दौरान बातचीत होगी। यह एक-टू-वन भुगतान प्रक्रिया हो सकेगी जिसमें एक चैट ऑपरेटर और दूसरा भुगतान प्रदाता होगा।
ऑफलाइन यूपीआई भुगतान:
UPI ने यूपीआई लाइट निकट-क्षेत्र संचार के साथ ऑफ़लाइन यूपीआई पेमेंट को आसान बनाया है। यूजर अब एनएफसी तकनीक से आसानी से पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) मशीन पर स्मार्टफोन टैप करके पेमेंट कर सकेंगे।
साथ ही, यूपीआई लाइट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एनएफसी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके ऑफ़लाइन लेनदेन की सुविधा देने का प्रस्ताव है।
UPI LITE की सीमा बढ़ी:
RBI ने ऑफ़लाइन UPI प्रकाश के लिए 200 रुपये प्रति लेनदेन सीमा को 500 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। इससे यूजर 500 रुपये तक की पेमेंट आसानी से कर सकेंगे। यूपीआई लाइट और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सहित ऑफलाइन मोड में कम मूल्य के डिजिटल भुगतान की सीमा 2000 रूपये है।
UPI को लेकर आरबीआई का उदेश्य
आरबीआई ने कहा कि भारत में यूपीआई के भुगतान प्रणाली को आसान, सुरक्षित और रियल टाइम सेवाओं के साथ डिजिटल भुगतान प्रणाली में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। यूपीआई कई नई सुविधाओं के जुड़ने से देश की इकॉनमी की पेमेंट आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इस लक्ष्य को और आसान बनाने में कन्वेंशनल पेमेंट मोड का योगदान मिलेगा।