The Trial Web Series Review: बॉम्बे टाकीज से सिनेमा शुरू करने वाले और फिल्मिस्तान और फिल्मालय स्टूडियोज के संस्थापक रहे सशधर मुखर्जी ने उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर झांसी से बंबई (अब मुंबई) आकर बड़ा नाम कमाया। वह अभिनेता अशोक कुमार और गायक किशोर कुमार की बहन सती देवी से शादी कर चुके थे।
निर्देशक कुमारसेन समर्थ और अभिनेत्री शोभना समर्थ की बेटी तनूजा ने उनके बेटे शोमू मुखर्जी की शादी की। हिंदी सिनेमा में तनूजा की बेटी काजोल ने भी अपने परिवार का खूब नाम रोशन किया। वह ओटीटी पर शॉर्ट फिल्म “देवी” में दिखाई दी। फिर नेटफ्लिक्स की फिल्म “त्रिभंगा” में उन्होंने अच्छी तारीफें बटोरी, और अब वह अपने पति अजय देवगन की कंपनी की सीरीज “द ट्रायल: प्यार कानून और धोखा” से वेब सीरीजों में अपनी पहचान बना रही हैं।
लेकिन कहानी को कानूनी दांवों-पेचों से कसने की कोशिश की गई है, फिल्म में नेपोटिज्म का तड़का है। यह दिखाने की कोशिश की गई है कि “बैकडोर” से आने वाले भी कठिन काम करते हैं। वह भी उतना ही पसीना बहाते हैं, लेकिन सीरीज के अंत में काम बचाने के लिए हुआ एक दृश्य पूरी सीरीज में इस तंबू को हिला देता है। कैसे? जानते हैं।
‘द गुडवाइफ’ का हिंदी संस्करण है द ‘ट्रायल’
The Trial Web Series Review in Hindi | |
मूवी/वेब सीरीज का नाम | द ट्रायल: प्यार, कानून, धोखा |
कलाकार | काजोल, जिशू सेनगुप्ता, कुबरा सैत, शीबा चड्ढा, अली खान |
लेखक | अब्बास दलाल , हुसैन दलाल और सिद्धार्थ कुमार |
निर्देशक | सुपर्ण एस वर्मा |
‘द ट्रायल’ वेब सीरीज रिलीज डेट | 14 जुलाई 2023 |
ओटीटी प्लेटफार्म | डिज्नी प्लस हॉटस्टार |
पैरामाउंट पिक्चर्स की अंग्रेजी वेब सीरीज का हिंदी संस्करण हुसैन दलाल और अब्बास दलाल के साथ सिद्धार्थ कुमार ने लिखा है। लेखकों की मदद करने वाले कानूनी सलाहकार भी रहे होंगे, लेकिन पहले एपिसोड में कहानी को ठीक ठाक करने के बाद, एक किरदार बच्चे की गिरफ्तारी के ठीक बाद अपनी टीम के एक सदस्य से थाने का पता और चार्जशीट की कॉपी मांगता है, तो लेखकों को बस गुस्सा आता है। एफआईआर की प्रतिलिपि ठीक है, लेकिन चार्जशीट?
वह जांच पड़ताल के बाद पुलिस अदालत में नहीं जाएगी, जिसके लिए उसके पास 90 दिन का समय है। फिर भी, लेखन टीम ने सीरीज में कुछ दिलचस्प कहानियां लिखी हैं, जैसे, “सबको सब कुछ नहीं मिलता, कुछ लोगों को कामयाबी मिलती है और कुछ लोगों को रिश्ते मिलते हैं।””हर चिल्लाने वाला सही नहीं होता और हर चुप रहने वाला गलत भी नहीं होता।”और वकीलों की बहस के बीच, “हमें एक क्लाइंट को डिफेंड करना है सच्चाई को नहीं”, का जवाब आया।’
प्रोडक्शन डिजाइनर ने पहला झटका दिया
लेकिन सीरीज लड़खड़ाना शुरू होता है तीसरे एपिसोड और आठवें एपिसोड के बाद इसे जल्दी से देखने की इच्छा होती है। वेब सीरीज “द ट्रायल” को देखने का एकमात्र आकर्षण है काजोल। जैसा कि सबको पता है, ये एक पुनरावृत्ति है जिसमें दशक भर से ज्यादा पहले अपर जज की गिरफ्तारी के बाद वकालत छोड़ चुकी उसकी पत्नी वापस अदालत लौटती है। इसके बावजूद, इस महिला वकील की कहानी साधारण नहीं है। वह घर चलाने के लिए अपने पति की मर्सिडीज बेच देती है।
बच्चों को स्कूल की फीस देने में छह से छह महीने का समय नहीं लगता है। वह रहती है जिस किराये के घर में रहती है, उसके साज-सज्जा और विस्तार के हिसाब से मुंबई में उसका मासिक किराया लगभग डेढ़ लाख रुपये से अधिक होना चाहिए। लेकिन वह अपनी लाचारी भी बार-बार दिखाती है। ये सीरीज के निर्देशन की एक महत्वपूर्ण गलती है।
काजोल ने की सीरियस रोल में एक्टिंग
इस कहानी में काजोल के किरदार को बहुत भावुक तरीके से विकसित किया जाना चाहिए था, क्योंकि वह एक दकियानूसी सास के निशाने पर हर समय रहने वाली पत्नी, दो बच्चों की मां और परिस्थितियों के चंगुल में फंसी है। लेकिन पूरी सीरीज सिर्फ भावना नहीं है। अच्छे सेट्स हैं। शहर कुछ खास है। ठीक ठाक पंच लाइन्स भी हैं, लेकिन रिश्ते बिखरे हुए हैं।
काजोल को लगता है कि उसे चेहरे पर एक निश्चित भाव रखने को कहा गया है। लंबे समय बाद अदालत में लौटते ही जज की पत्नी हर केस जीत रही है। वर्तमान पति और पूर्व प्रेमी के बीच घुटती एक महिला के किरदार में काजोल से बेहतर अभिनय की उम्मीद बंधती है, लेकिन सीरीज एक टेम्पलेट में फंसी है।
स्टोरी अच्छी मगर स्क्रिप्ट राइटिंग में रही कमी
हर एपिसोड की शुरुआत एक नई घटना से और अंत एक ध्वनि ओवर से करना भी शो को खराब करता है। एक फिक्स पैटर्न दो या तीन बार देखने के बाद उबासी आने लगती है। अली खान और काजोल की रोमांटिक जोड़ी भी बहुत बोरिंग है।
कोच्चि में साथी वकील से अचानक किस कर लेने के बाद भी काजोल ने उसे थप्पड़ नहीं मारा, जो पूरी कहानी में उनकी छवि को खत्म करता है। बेटियां अपने पिता को बेगुनाह मानती हैं, और पत्नी को वकील होने के बावजूद पता नहीं चलता कि उसके पति की बताई गई फोटो डिजिटल छेड़छाड़ के बाद बनाई गई हैं।
अली खान की एक्टिंग रही सबसे अच्छी
लीगल फर्म और पूर्व प्रेमी के किरदार में अली खान ने सीरीज में काफी अच्छा काम किया है। वह अपना खोया प्यार पाने की अब भी उम्मीद करती है, लेकिन अली का अभिनय इस सीरीज में उसी तरह की भावनाओं को लाने की कोशिश करता है जो पहले एपिसोड में काजोल को हुआ था।
वह बॉस लेडी की तरह प्रकट होती है। लेकिन, उसी फर्म की सलाहकार जब पुलिस इंस्पेक्टर के साथ सिर्फ इसलिए हमबिस्तर होती है कि उसे अपने मतलब का पता लगाना होता है, तो फेमिनिज्म का झंडा उठाने के लिए बनाई गई सीरीज इतनी नीचे गिर जाती है कि इसे बनाने वालों को भी पता नहीं चलता।