भूकंप आने का कोई निश्चित समय तो नहीं है लेकिन हम आज तक न जाने कितनी बार भूकंप के झटको को महसूस कर चुके है। कई बार तेज़ भूकंप के कारण बहुत सी जगहों पर जान-माल का नुकसान भी देखने को मिलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि Bhukamp kaise aata hai? इसके पीछे का कारण क्या है? ये कब आता है और क्यों आता है? इससे क्या नुकसान होता है? भूकंप को कैसे और किससे मापा जाता है और ये कितना ताकतवर हो सकता है? आइये इन्हीं सभी सवालों के जवाब हम विस्तार से जानते हैं
Bhukamp Kaise Utpann Hota Hai
हमारी पृथ्वी प्रमुख तौर पर चार भिन्न परतों से बनी होती है: इनर कोर (भीतरी कोर), आउटर कोर (बाहरी कोर), मैंटल (मंटल), और क्रस्ट (त्वचा). क्रस्ट सबसे ऊपरी परत होती है. उसके नीचे होता है मैंटल. ये दोनों मिलकर बनाते हैं लीथोस्फेयर (पत्थरीमंडल). लीथोस्फेयर की मोटाई 50 किलोमीटर है. यह अलग-अलग परतों वाली प्लेटों से मिलकर बनी है, जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं.
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट एक-दूसरे से टकराती हैं, रगड़ती हैं, एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती हैं या दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे हम भूकंप कहते हैं. भूकंप को मापने के लिए हम रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं.
भूकंप कैसे नापा जाता है?
भूकंप की तीव्रता को नापने के लिए रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल का इस्तेमाल किया जाता है जो 1 से 9 तक की होती है। भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र से, जिसे एपीसेंटर कहा जाता है, नापी जाती है। यानी, उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है। 1 से लेकर 9, जिसमें 1 न्यूनतम तीव्रता को दर्शाता है, जबकि 9 सबसे अधिक तीव्रता होती है। 9 वाले भूकंप बेहद भयानक होते हैं, जबकि वे दूर जाते-जाते कमजोर होते हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 हो, तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर क्षेत्र में एक तेज झटका हो सकता है.
भारत में सबसे ज्यादा भूकंप कहां आते हैं?
भारत में जोन-5 (पूरा पूर्वोत्तर भारत) में सबसे अधिक भूकंप आते हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है।
भारत में कितने भूकंप जोन है?
भारत में चार (4) भूकंप जोन है